एक लंबा इंतजार, घर तैयार... और अब वो आ रहे हैं: करीब 70 साल से हैं विलुप्त, भारत में वंश ही खत्म हुआ! अफ्रीका से MP लाये जा रहे चीते, फिर दिखेगा गजब नजारा
African Cheetahs Entry In Kuno National Park MP
African Cheetahs Entry In Kuno National Park MP : एक लंबा इंतजार, घर तैयार... और अब वो आ रहे हैं, करीब 70 साल से थे विलुप्त, भारत में जिसका एकदम वंश ही खत्म हो गया| लेकिन अब वो फिर अपने कदमों से जंगल को गुलजार करेंगे| जिसकी जंगल में हवा जैसी दौड़ दिखेगी| तो जंगल में स्वागत है अफ्रीकी चीतों का| बतादें कि, दक्षिण अफ्रीका से करीब दर्जन भर चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क लाया जा रहा है| जानकारी के अनुसार, 17 सितम्बर को ये चीते दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में पहुंच जाएंगे| इन्हें हवाई रास्ते से लाया जाएगा|
वातावरण में खुद को ढाल पाएंगे चीते?
बतादें कि, दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाने से पहले कूनो नेशनल पार्क का काफी लम्बे समय तक परीक्षण किया गया है| परीक्षण में यह जाना गया कि क्या यह पार्क अफ्रीका से आने वाले चीतों के लिए अनुकूल रहेगा| बतादें कि, परीक्षण में कूनो नेशनल पार्क अफ्रीकी चीतों के लिए एकदम अनुकूल पाया गया| जिसके बाद अफ्रीका से चीतों को लाने की तैयारी शुरू कर दी गई| फिलहाल, अब देखना यह होगा कि क्या अफ्रीका से आ रहे चीते खुद को भारत के वातावरण में ढाल पाएंगे| चिंता का विषय है कि चीते सही सलामत रहें| उन्हें भारत की आबोहवा पसंद आ जाए| क्योंकि इनके जरिये ही भारत में चीतों की संख्या को बढ़ाना है|
कूनो नेशनल पार्क में सारी व्यवस्थाएं
बतादें कि, चीतों के आने से पहले उनके मुताबिक कूनो नेशनल पार्क में उनका घर तैयार कर दिया गया है| बताते हैं कि, चीतों को घास में रहना ज्यादा पसंद होता है और इसके अलावा उन्हें अपने आस पास पानी की भरपूर मात्रा चाहिए होती है| वहीं, वह हिरन, जंगली सूअर का शिकार करना ज्यादा पसंद करते हैं और यह सब चीजें कूनो नेशनल पार्क में बड़ी भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं|
तेंदुओं को दूर किया जा रहा, गस्त करेगी वन विभाग की टीम
बतादें कि, कूनो नेशनल पार्क में तेंदुओं की भी मौजूदगी है| चीते और तेंदुए वैसे भी आपस में लड़ जाते हैं और जब बात दूसरे देशों से आये चीतों की हो तो तेंदुए उन्हें बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे| तेंदुआ चीते पर भारी पड़ता है और उसे नुकसान पहुंचा देता है| इसलिए कूनो नेशनल पार्क से तेंदुओं को दूर किया जा रहा है| इन्हें दूसरी जगहों पर छोड़ा जा रहा है| ताकि इनमें और चीतों मे टकराव न हो और अगर ऐसा हुआ तो चीतों को नुकसान पहुंचेगा और सारी मेहनत बेकार हो जाएगी| बतादें कि, वन विभाग की एक स्पेशल गस्ती टीम चीतों को सुरक्षित रखने के लिए गस्त करेगी| पार्क में चीतों के लिए बड़े-बड़े बाड़े और मेडिकल केंद्र भी बनाये गए हैं|
नर चीते पहले आएंगे
बताते हैं कि, अफ्रीका से जो चीते कूनो नेशनल पार्क लाये जा रहे हैं उनमें नर चीते पहले आएंगे| फिर कुछ दिनों बाद मादा चीतों को लाया जाएगा| जानकारी के अनुसार, नर और मादा चीतों में ब्लड रिलेशन नहीं होगा| इससे ये बीमारी से बचेंगे और संबंध बनाकर भारत में चीतों की संख्या को ज्यादा से ज्यादा बढ़ा पाएंगे|
चीतों का भारत आना बड़ी बात क्यों?
बतादें कि, भारत में चीते करीब 70 साल से नहीं देखे गए है| वन विभाग द्वारा हर जगह चीतों को तलाशा गया लेकिन वह कहीं नहीं मिले| 50 के दशक में कुछ चीतों को आखिरी बार देखा गया था| तबसे भारत में चीतों का वंश खत्म हो गया| इसलिए अफ्रीकी चीतों को भारत में बसाया जा रहा है ताकि भारत में चीतों की मौजूदगी फिर से कायम हो सके|